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शुक्रवार, 11 नवंबर 2016

60 इशारे जो बतायेंगे कि आपको किसी से प्यार हो गया है (60 signs which shows that you are in love) 60 love signs

 Rahiskhan     प्यार और रोमांच   

60 इशारे जो बतायेंगे कि आपको किसी से प्यार हो गया है (60 signs which shows that you are in love) 60 love signsप्यार कुदरत का दिया हुआ वह खूबसूरत तोहफा है जो जिन्दगी में एक बार सभी को मिलता है। इसके एहसास से कोई भी अनछुआ नहीं रह सकता। कुछ लोगो के जीवन में बहुत जल्दी प्यार की बहार आ जाती है जबकि कुछ लोगों की जिन्दगी में प्यार थोड़ा देर से आता है। किसी को किसी से कब और कहाँ प्यार हो जाये ये कहा नही जा सकता। लेकिन जब किसी को किसी से प्यार होता है तो जिन्दगी में बहुत सारी चीजें बदल जाती हैं। प्यार का एहसास हमारी सोच के साथ साथ हमारी रोज की दिनचर्या पर भी असर डालता है। जब हमें प्यार होता है तो कुछ चीजें हमें बहुत अच्छी लगने लगती हैं। प्यार में इंसान कभी कभी बड़े बेवकूफी वाले काम भी कर देता है जिससे वो मजाक का पात्र भी बन जाता है। प्यार में कभी कभी इंसान बहुत खुश रहता है तो कभी कभी बहुत गम्भीर हो जाता है। कभी कभी उसे लगता है कि वो दुनिया का मुश्किल से मुश्किल काम भी कर सकता है तो कभी कभी उसका काम में मन ही नही लगता है। और भी ऐसे बहुत से लक्षण हैं जो प्यार होने के बाद दिखाई देने लगते हैं। प्यार क्या है? इसके बारें में पहले ही बता चुका हूँ। आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ प्यार के लक्षणों के बारें में। इसे भी पढ़ें – प्यार क्या है? क्यों होता है किसी से प्यार? आईये देखते हैं कि क्या होता है जब इंसान प्यार में होता है ? 1.
१.जब इंसान प्यार में होता है तो ज्यादातर अपने प्यार के
 बारे में ही सोचता रहता है। उसके हर ख्याल, उसकी हर याद में सिर्फ वो ही होता है जिससे वो प्यार करता है।
 2. उससे चाहे फोन पर कितनी ही बातें कर ले, लेकिन फिर भी उससे बार बार बात करने को मन करता है।
 3. फ़ोन पर बात करने के बाद भी उसे मैसेज करते हैं, whatsapp पर chat करते हैं।
 4. उससे रोजाना मिलने को मन करता है और ऐसा मन करता है कि वो हर पल बस हमारे पास रहे, हमारे साथ रहे, हमारी आँखों के सामने रहे।
 5. अगर एक दिन भी उससे बात न हों, या एक दिन उससे मिलना न हो तो जान निकल जाती है, मन घबराने लगता है, बेचैनी होने लगती है और किसी काम में मन नही लगता है।
 6. उसका फोन, मैसेज, मेल आने का इंतजार रहता है। फोन की हर रिंगटोन, हर मैसेज टोन पर मन उछलने लग जाता है कि उसी का होगा।
 7. चाहे घर पर हों, ऑफिस में हो या कहीं और हों, ध्यान हमेशा उसी के ख्यालो में डूबा रहता है।
 8. उसकी हर बात अच्छी लगने लगती है। उसकी बेवकूफी भरी हरकते भी भाने लगती हैं।
 9. उसके अन्दर कोई कमी नहीं दिखती। उसकी सारी कमियों, सारी गलतियों पर प्यार आने लगता है।
 10. ऐसा लगने लगता हैं कि वो बस उनके लिए ही बना हैं उसके साथ सारी ज़िंदगी गुज़ारना चाहते हैं तथा अगले सात जन्मों तक की भी प्लानिंग कर लेते हैं।
 11. लैला-मजनूं , हीर-राँझा, सोहिनी-महिवाल, शीरी-फरहाद role model बन जाते हैं।
 12. अगर वो साथ में ऑफिस में काम करते हैं या स्कूल, कॉलेज में साथ में पढ़ते हैं तो बार बार किसी बहाने से उनको देखते हैं या बात करने की कोशिश करते हैं।
 13. कोई उसकी जरा सी भी बुराई कर दे तो बहुत बुरा लगता है। और बुराई करने वाले से झगड़ा तक कर लेते हैं।
 14. अपने प्यार से चाहे कितनी भी बहस हो जाये, चाहे
 कितना भी झगड़ा हो जाये, Last में सब कुछ Normal हो जाता है।
 15. उसकी गैरमौजूदगी में अधूरापन सा महसूस होता है, बार बार नजरें उसी को ढूढ़ती रहती है।
 16. कहीं पर भी अकेले जाना अच्छा नही लगता। ऐसा मन करता है कि सभी जगह पर वो साथ में जायें।
 17. रोमांटिक गाने सुनना शुरू कर देते हैं। रोमांटिक Movie देखना अच्छा लगने लगता है।
 18. Movie देखते हुए फिल्म के हीरो की जगह खुद की कल्पना करने लगते हैं।
 19. रोमांटिक गानों के हर बोल Movie का हर रोमांटिक सीन खुद के लिए महसूस होने लगता है।
 20. उसके साथ वक्त गुजारना अच्छा लगता है। उसके बिताया हुआ वक्त पलक झपकते ही बीत जाता है। सारें दिन का वक्त भी कम लगने लगता है।
 21. उसके दुखी होने पर खुद भी दुखी हो जाते हैं। ऐसा मन करता है कि किसी भी तरह से बस उसका दुःख दूर कर दें। 
22. उसको देखकर चेहरे पर रौनक आ जाती है।
 23. हर पल उसे खुश करने के काम करते रहते है या उसे खुश करने के बहाने ढूँढते रहते हैं।
 24. उसकी ख़ुशी के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहते है।
 25. फोन पर नंबर किसी और का लगाते हैं लेकिन घंटी उसकी बज जाती है जिससे प्यार करते हैं।
 26. उसके बिना जिन्दगी बेकार लगने लगती है। ऐसा लगने लगता है कि उसके बिना जी नहीं पायेंगे।
 27. उसके पालतू कुत्ते, बिल्ली सब अच्छे, लगने लगते हैं, प्यारे लगने लगते हैं। और उसके सामने उन्हें बिना मतलब भी चूम लेते हैं।
 28. उसके परिवार के लोग अच्छे लगने लगते है, भले ही उसके परिवार के लोग आपको पसन्द ना करते हों।
 29. प्यार भरे गाने, शेर, शायरी, गजल बहुत डूब कर सुनते हैं। ऐसा लगने लगता है कि जैसे हर एक लाइन बस उन्ही के लिए लिखी गई है।
 30. शेर, शायरी, गजल, लिखना शुरू कर देते हैं। अंदाज शायराना हो जाता है।
 31. उसका किसी और के साथ बात करना या किसी और के साथ कहीं आना जाना बुरा लगता है, जलन होने लगती है।
 32. अपना बर्थ डे भले ही याद न रहे लेकिन उसका बर्थ डे हमेशा याद रखते हैं।
 33. अखबारों में, किताबो में या इंटरनेट पर लव टिप्स और Love Stories पढने में रूचि लेने लग जाते हैं। 34. अपने E-Mail ID, कंप्यूटर आदि का Password उसके नाम पर रख देते हैं।
 35. दिन मे कई बार शीशा देखने लग जाते हैं, अपने Looks पर ध्यान देने लग जाते हैं।
 36. अगर उससे मिलने जाना हो तो तय समय से बहुत पहले पहुँच जाते हैं।
 37. चाहे जाना कहीं पर भी हो लेकिन जाते उसी की गलियोँ से गुजरकर हैं।
 38. कम्पनी में अगर बॉस डांट भी दे तो भी बुरा नहीं लगता।
 39. इंटरनेट पर उसके नाम का अर्थ ढूढना शरू कर देते हैं। 
40. उसकी पसन्द के कपड़े पहनना शरू कर देते हैं।
 41. कहीं पर भी उसका जिक्र होने पर चेहरे पर रौनक बढ़ जाती है।
 42. जहाँ जहाँ उसका आना जाना है वहाँ पर मंडराना शरू कर देते हैं।
 43. भगवान में आस्था बढ़ जाती है। मंदिर, मजारों पर जाकर मन्नत माँगना शरू कर देते हैं।
 44. दोस्तो से झूठ बोलना शरू कर देते है। दोस्तों के साथ कहीं आना जाना, खेलना या उठना बैठना कम कर देते हैं।
 45. पब्लिक प्लेस, रेस्टोरेंट आदि में एक दूसरे को छेड़ते है और ये भी भूल जाते हैं कि आपके आस पास और लोग भी मौजूद हैं।
 46. अगर रास्ते में अपने दोस्त के साथ हो और वो मिल
 जाये तो दोस्तों को छोड़कर उसके साथ चल देते हैं।
 47. उसकी नजरों में अच्छा बनने की कोशिश करने लगते हैं।
 48. रेस्टोरेंट में उसकी पसंद का खाना तथा उसकी पसंद की कोल्डड्रिंक पीते हैं चाहे वो चीजें खुद को पसंद ना हो।
 49. दिन की शुरुआत उससे बात करके होती है तथा उसको Good Night बोलने के बाद ही सोने जाते हैं। 50. Facebook, Whatsaap पर रोमांटिक Status डालते हैं तथा Love या Motivational बातें Share करते हैं।
 51. Whatsapp पर मैसेज करने के बाद बार बार ये चेक करते हैं कि अभी पढ़ा हैं कि नहीं, अभी तक blue tick क्यों नहीं हुआ?
 52. उसके मना करने के बावजूद भी उसके फोन में रिचार्ज करवाते हैं।
 53. उसके किसी भी काम के लिए मना नहीं करते चाहे काम कितना भी मुश्किल क्यों ना हो।
 54. अगर Shopping करने जा रहे हैं तो सारा सामान खुद उठाते हैं।
 55. अगर सड़क पर चल रहे हैं तो उसे किनारे की ओर
 रखते हैं और खुद सड़क की ओर चलते हैं।
 56. सड़क पार करते समय उसका हाथ पकड़कर सड़क पार करवाते हैं।
 57. चाहे खुद को दो घंटे का इंतजार करना पड़े लेकिन उसे एक मिनट का भी इंतजार नहीं करवाते हैं।
 58. रेस्टोरेंट, Shopping का बिल, किराया सभी खुद pay करते हैं।
 59. सड़क पर चलते
हुए एक दूसरे को Touch करने की कोशिश करते हैं। 60. जब भी मिलने जाते हैं तो उसकी पसंद की चॉकलेट, Cold Drink, Fruit, या अपने हाथ से कुछ बनाकर लेकर जाते हैं।
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रविवार, 23 अक्टूबर 2016

दिल के अहसास

 Rahiskhan   

जल्दी सो गये बच्चे उस झोंपडी के, माँ ने जब कहा - " फरिस्ते" आते है ख्वाब मे"रोटी" लेकर
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शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2016

आप भी अपने फोन के चार्जर को बना सकते हैं वायरलेस, जानिये कैसे-You can make your wireless phone charger, Learn how

 Rahiskhan     नया आविष्कार, mobile trick   




आप भी अपने फोन के चार्जर को बना सकते है वायरलैस चार्जर
आज के दौर में स्मार्टफोन हमारी ज़िन्दगी की एक बहुत बड़ी जरुरत बन गया है। इस बात को आप लोग भी अपनी ज़िंदगी में महसूस करते ही होंगे। आलम यह है कि आज हम कुछ समय भी बगैर स्मार्टफोन के नहीं काट सकते।
हमारे फ़ोन तो वक़्त के साथ स्मार्ट होते जा रहे हैं पर इसकी भी कुछ सीमायें भी हैं, जिसकी वजह से हमें कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इनमें सबसे बड़ी दिक्कत है फोन के चार्जर के 'छोटे केबल', इन छोटे केबल की वजह से मैं तो अपने आप को स्विचबोर्ड से बंधा हुआ महसूस करने लगता हूँ। और मुझे पूरा यकीन है कि आप भी इस समस्या से काफी परेशान होंगे।
इसलिए आज हम आपको एक ऐसी ट्रिक बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप अपने चार्जर को वायरलेस चार्जर में आसानी से बदल सकते हैं। आइये जानते हैं यह आसान ट्रिक, जो आपकी काफी मदद करने वाली है।
आइये जानते हैं इस ट्रिक के लिए आपको किन चीजों की जरूरत पड़ेगी
इस ट्रिक के लिए सबसे पहली चीज जो आपको चाहिए, वो है एक साधारण यूएसबी केबल।
एक चार्जिंग एडॉप्टर

यहाँ हम सैमसंग का एक एडॉप्टर इस्तेमाल कर रहे हैं।
कॉपर वायर
जी हाँ, इस ट्रिक को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए हमें कॉपर वायर की भी जरूरत पड़ेगी।
एक चुम्बक
चार्जिंग एडॉप्टर के इर्द-गिर्द वायरलेस क्षेत्र बनाने के लिए हमें एक चुम्बक की भी जरूरत पड़ेगी।
एल्युमीनियम फॉयल
वायरलेस क्षेत्र की तरंगों को और अच्छा बनाने के लिए हम एल्युमीनियम फॉयल का इस्तेमाल करेंगे।
इलेक्ट्रिकल टेप
इस तरह का कोई काम किया जाए और इलेक्ट्रिकल टेप का इस्तेमाल ना हो यह तो हो ही नहीं सकता।
अब हम शुरू करेंगे अपना काम
सबसे पहले तो आप एक कैंची ढूँढ लीजिये जिससे वायर अच्छी तरह से काटे जा सकें।

अब हम शुरू करेंगे अपना काम
तस्वीर में दिखाए अनुसार केबल को काट लें और अतिरिक्त प्लास्टिक को हटा कर इसे तस्वीर में दिखाए अनुसार कर लें।
अब हम इस्तेमाल करेंगे चुम्बक

चुम्बक को अपने एडॉप्टर के सामने वाले हिस्से के बाएं भाग में लगाएं। ऐसा करने से आप बेहतर वायरलेस क्षेत्र उत्पन्न कर सकेंगे।
अब इलेक्ट्रिक टेप का इस्तेमाल करें
केबल के खुले हुए भाग को इलेक्ट्रिक टेप से लपेट दें। ऐसा करने के बाद टेप के ऊपर कॉपर वायर को लपेटें एवं इसे फिर से इलेक्ट्रिक टेप से कवर कर दें। ध्यान रहे कि अच्छे वायरलेस क्षेत्र के लिए इसे 2 बार कॉपर वायर से लपेटना जरूरी है।
आपका वायरलेस चार्जर तैयार है
बधाई हो। आपका अपना घर में बनाया हुआ वायरलेस चार्जर अब तैयार है। अब आप छोटे चार्जिंग केबल से बंधने की जगह खुलकर अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल अर सकते हैं।






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गुरुवार, 20 अक्टूबर 2016

इस तकनीक से मोबाइल 5 मिनट में फुल चार्ज हो जाएगा Is taknik se mobile 5 mint me full charge ho jayega

 Rahiskhan     mobile trick   

इस तकनीक से मोबाइल 5 मिनट में फुल चार्ज हो जाएगा Is taknik se mobile 5 mint me full charge ho jayega
चीन की स्मार्टफोन कंपनी ओप्पो (Oppo) ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी की खोज की है जो आपके फोन की बैटरी को 5 मिनट में 100% तक चार्ज कर सकती है। इस टेक्नोलॉजी से डिस्चार्ज बैटरी को सिर्फ 5 मिनट चार्ज करने पर बैटरी 10 घंटे काम करेगी।
क्या हैं इस तकनीक के खास फीचर्स:
नई टेक्नोलॉजी सुपर VOOC फ्लैश चार्ज सभी स्मार्टफोन पर काम करेगी। इसका इस्तेमाल Micro-USB और USB Type-C इनपुट से किया जा सकेगा। सुपर VOOC फ्लैश चार्ज में 5V लो-वोल्टेज प्लस-चार्ज का यूज किया गया है।
खास बातें :
* इस तकनीक से 2500mAh की बैटरी 0 से 100% चार्ज सिर्फ 15 मिनट में किया जा सकेगा।
* सिर्फ 5 मिनट चार्ज करने पर बैटरी 10 घंटे टॉकटाइम बैकअप देगी।
* तकनीक में इस्तेमाल होने वाले एडॉप्टर, केबल और कनेक्टर मिलटेरी-ग्रेड मटेरियल से तैयार किए गए हैं।
* कंपनी का दावा है कि इसका लो-टेम्परेचर चार्ज बैटरी को पूरी तरह सेफ रखेगा।
कैसे संभव हुआ यह:  कंपनी का कहना है कि उन्होंने लिथियम आयन बैटरी के जल्दी डिस्चार्ज होने और देर तक चार्ज करने की समस्या को देखते हुए आधुनिक तकनीक से इसे बनाया है।  लिथियम आयन बैटरी चार्ज होने में लंबा वक्त लेती है। फिलहाल सभी कंपनियां स्मार्टफोन में लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल करती हैं। बैटरी कितना बैकअप देगी ये उसके mAh पॉवर पर डिपेंड होता है।
वैसे तो कई कंपनियां स्मार्टफोन में क्विक चार्ज टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती हैं। क्विक चार्ज से बैटरी 15 मिनट में 4-5 घंटे का बैकअप दे सकती है, लेकिन इतने समय में बैटरी फुल चार्ज नहीं होती।
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बुधवार, 19 अक्टूबर 2016

जानिए तारों की अनोखी दुनिया के बारे में -Learn about the unique world of the stars -

 Rahiskhan     ध्रुव तारा, रोचक जानकारी, विचित्र दुनिया   

आकाश में सूरज, चाँद और तारों की दुनिया बहुत अनोखी है। आपने घर की छत पर जाकर चाँद और तारों को खुशी और आश्चर्य से कभी न कभी जरुर निहारा होगा। गांवों में तो आकाश में जड़े प्रतीत होने वाले तारों को देखने में और भी अधिक आनंद आता है, क्योंकि शहरों की अपेक्षा गांवों में बिजली की रोशनी की चकाचौंध कम होती है और वातावरण भी स्वच्छ एवं शांत होता है। तारों को निहारते-निहारते और उनकी अधिक संख्या को देखकर आप जरुर आश्चर्यचकित हो जाते होंगे। इस बात की पूरी सम्भावना है कि आपनें शहर में कभी भी ऐसा सुंदर दृश्य न देखा होगा!
जानिए तारों की अनोखी दुनिया के बारे में -Learn about the unique world of the stars -

तारों को रोज देखने से आपके मन में कई सवाल उठतें होंगे कि आकाश के ये तारे हमसे कितनी दूर हैं? ये हमेशा चमकते क्यों दिखाई देते हैं? ये कब तक चमकते रहेंगे? क्या इन तारों का जन्म भी होता है? क्या इनकी मृत्यु भी होती है? आकाश में कुल कितनें तारे हैं? क्या हमारा सूर्य भी एक तारा है? यदि हमारा सूर्य भी एक तारा है, तो इन असंख्य तारों की दुनिया में इसका क्या स्थान है? कहाँ हमारा सूर्य बहुत चमकीला है तो कहाँ तारे अपेक्षाकृत मंद दिखाई पड़ते हैं इसके पीछे क्या कारण हैं? मोतियों से जड़े इस गोले (आकाश) के बावजूद अंधेरा क्यों होता है? क्यों तारे टिमटिमाते नजर आते हैं? और कुछ तारे क्यों नही टिमटिमाते दिखाई देते हैं? आदि अनेक प्रश्न आपके जिज्ञासु दिमाग में जरुर उठते होंगे।
क्या आप जानतें हैं कि प्राचीनकाल से ही मानव तारों से संबंधित उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर पाने का प्रयास करता रहा है? इसी का परिणाम है कि आज हमारे पास इन प्रश्नों के सटीक उत्तर उपलब्ध हैं। हम इस आलेख में विस्तार से तारों की इस दुनिया के बारे में चर्चा करेंगें।
कितने दूर हैं तारे?
सूर्य के समीप के तारे
रात के समय आकाश को देखने पर हमें यही प्रतीत होता हैं कि सभी तारे किसी विशाल गोले पर बिखरे हुए हैं और साथ ही साथ हमें यह भी लगता है कि सभी तारे हमसे एकसमान दूरी पर स्थित हैं। इस गोले को प्राचीन भारतीय खगोल-विज्ञानियों तथा यूनानी ज्योतिषियों ने ‘नक्षत्र-लोक’ नाम दिया था। इसी अनुमान के आधार पर अमीर खुसरो ने इस पहेली की भी रचना की थी -‘एक थाल मोती भरा, सबके सिर पर औंधा पड़ा!’ इस पहेली को आप और हम कई बार हल कर चुकें हैं। आज हम जानते हैं कि उनका यह अनुमान सही नहीं था, क्योंकि न तो सभी तारे एकसमान दूरी पर स्थित हैं और न ही कोई ऐसा गोल है जिस पर ये टिके हुए हैं।
हाँ, कुछ तारे हमसे बहुत दूर हैं तो कुछ तारे हमसे बहुत नजदीक। पृथ्वी से तारों  की दूरियाँ इतनी अधिक होती हैं कि हम उसे किलोमीटर या अन्य सामान्य इकाइयों  में व्यक्त नही कर सकते हैं इसलिए हमें एक विशेष पैमाना निर्धारित करना पड़ा जिसे वैज्ञानिक प्रकाश वर्ष कहतें हैं। दरअसल बात यह है कि प्रकाश की किरणें एक सेकेंड में लगभग तीन लाख किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। इस वेग से प्रकाश-किरणें एक वर्ष में जितनी दूरी तय करती हैं, उसे एक प्रकाश वर्ष कहते हैं। इसलिए एक प्रकाश वर्ष 94 खरब, 60 अरब, 52 करोड़, 84 लाख, 5 हजार किलोमीटर के बराबर होता है।
सूर्य के बाद हमसे सर्वाधिक नजदीकी तारा प्रौक्सिमा-सेंटौरी हैं, जिसकी दूरी लगभग 4.3 प्रकाश वर्ष है। प्रकाश वर्ष हमें समय और दूरी दोनों की सूचना देता है, हम यह भी कह सकते हैं कि प्रौक्सिमा-सेंटौरी से प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में 4.3 प्रकाश वर्ष लगेंगे। आकाश का सबसे चमकीला तारा लुब्धक या व्याध हमसे तकरीबन 9 प्रकाश वर्ष दूर है। तारों  की दूरियां मापने के लिये एक और पैमाने का इस्तेमाल होता है, जिसे पारसेक कहते हैं। एक पारसेक 3.26 प्रकाश-वर्षों के बराबर है।
सूर्य हमसे लगभग 8 मिनट और 18 प्रकाश सेकेंड दूर है। सूर्य और पृथ्वी के बीच की इस दूरी को ‘खगोलीय इकाई’ या ‘खगोलीय एकक’ कहते हैं। हमारी दृष्टि में सूर्य अन्य तारों की तुलना में अधिक बड़ा तथा प्रकाशमान प्रतीत होता है, परन्तु विशाल ब्रह्मांड की दृष्टि में यह महासागर के एक बूंद के बराबर भी नही है। इसलिए हमारा सूर्य आकाश का एक सामान्य तारा है। वास्तविकता तो यह है कि अन्य तारों की अपेक्षा सूर्य पृथ्वी के अधिक नजदीक है इसलिए हमें यह अधिक प्रकाशमान तथा शक्तिशाली प्रतीत होता है।
तारों के रंग एवं तापमान
तारों का तापमान तथा रंग
क्या आप जानते हैं कि सभी तारे एक ही रंग के नहीं होते? पृथ्वी से देखने पर हमे ज्यादातर तारे एक ही जैसे दिखाई देते हैं। मगर, जब हम तारों को दूरबीन से देखतें हैं तो यह साफ हो जाता है कि उनके रंग अलग-अलग हैं। क्या आपको मालूम है कि रंगों से हमें तारों के तापमान के बारे में भी पता चलता है। तथा अलग-अलग तापमान होने के ही कारण दूरबीन से देखने पर तारे अलग-अलग रंग के दिखाई देते हैं। जब किसी लोहे की छड़ी को हम आग में गर्म करते हैं तो ताप और रंग के बीच
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मरने के बाद भी जिन्दा हो जाते है इस मंदिर में -In this temple of the dead become alive -

 Rahiskhan     यूनिवर्स रहस्य, रोचक जानकारी, विचित्र दुनिया   


एक मन्दिर जहां मरा हुआ भी हो जाता है जिन्दा-
मरने के बाद भी जिन्दा हो जाते है इस मंदिर में -In this temple of the dead become alive -
नई दिल्ली। हमारे देश में कई चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर है, जहां लोगों की बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल चुटकियों में हो जाता है। कई मंदिर तो इतने चमत्कारी हंै कि लोग दूर-दूर से यहां मनौती मांगने आते हैं। कहते हैं कि इन मंदिरों में सच्चे मन से की गई प्रार्थना जरूर पूरी होती है। ऐसा ही एक चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर है जहां किसी व्यक्ति के शव को लेकर जाया जाए तो उसकी आत्मा उस शव में पुन: प्रवेश कर जाती है और वह इंसान जीवित हो उठता है।
खुदाई में मिले हजारों शिवलिंग-
प्रकृति की वादियों में बसा यह गांव देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लाखामंडल नामक स्थान पर है। यह मंदिर यमुना नदी की तट पर बर्नीगाड़ नामक जगह से सिर्फ 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। समुद्र तल से इस स्थान की ऊंचाई लगभग 1372 मीटर है। दिल को लुभाने वाली यह जगह गुफाओं और भगवान शिव के मंदिर के प्राचीन अवशेषों से घिरा हुआ है। यहां पर खुदाई करते वक्त विभिन्न आकार के और विभिन्न ऐतिहासिक काल के हजारों शिवलिंग मिले हैं।
युधिष्ठिर ने स्थापित किया था शिवलिंग-
माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवों को जीवित आग में भस्म करने के लिए उनके चचेरे भाई कौरवों ने यहीं लाक्षागृह का निर्माण करवाया था। ऐसी मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान इस स्थान पर स्वयं युधिष्ठिर ने शिवलिंग को स्थापित किया था। इस शिवलिंग को आज भी महामंडेश्वर नाम से जाना जाता है। जहां युधिष्ठिर ने शिवलिंग स्थापित किया था वहां एक बहुत खूबसूरत मंदिर बनाया गया था। शिवलिंग के ठीक सामने दो द्वारपाल पश्चिम की तरफ मुंह करके खड़े हुए दिखते हैं।

जीवित होते ही लेता है भगवान का नाम-
ऐसी मान्यता है कि मंदिर में अगर किसी शव को इन द्वारपालों के सामने रखकर मंदिर के पुजारी उस पर पवित्र जल छिड़कें तो वह मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए पुन: जीवित हो उठता है। जीवित होने के बाद वह भगवान का नाम लेता है और उसे गंगाजल प्रदान किया जाता है। गंगाजल ग्रहण करते ही उसकी आत्मा फिर से शरीर त्यागकर चली जाती है।
बना हुआ है रहस्य
लेकिन इस बात का रहस्य क्या है यह आज तक कोई नहीं जान पाया। इस मंदिर के पीछे दो द्वारपाल स्थित हैं, जिनमें से एक का हाथ कटा हुआ है। अब ऐसा क्यों हैं यह बात आज तक एक रहस्य ही बना हुआ है।
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मंगलवार, 18 अक्टूबर 2016

1600 वर्ष पहले की भारतीय विज्ञान का कमाल -1600 years ago the Science Amazing -

 Rahiskhan     अविष्कार, ये भी जाने, रोचक जानकारी   

भारतीय विज्ञान का कमाल
दिल्ली का लौह स्तंभ
भारतीय इतिहासकार गुप्तकाल ह्यतीसरी शताब्दी से छठी शताब्दी के मध्यहृ को भारत का स्वर्णयुग मानते हैं। इस काल के वैभव का प्रत्यक्षदर्शी रहा है दिल्ली का लौह–स्तंभ। चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के शासन काल में बना यह स्तंभ खुले आकाश में 1600 वर्षों र्से मौसम को चुनौती देता आ रहा है और धातु–विज्ञान में हमारी उत्कृष्टता का ठोस प्रमाण हैं।
1600 वर्ष पहले की भारतीय विज्ञान का कमाल -1600 years ago the Science Amazing -


प्रकृति में लोहा मुख्यतः इसके अयस्कों के रूप में ही उपलब्ध होता है और इन अयस्कों को क़रीब 1000 डिग्री सेल्सियस तापमान तक पिघलाकर लोहा तैयार करना कम से कम उस समय तो कतई आसान काम नहीं था।
लौह–स्तंभ में लोहे की मात्रा करीब 98 प्रतिशत है और आश्चर्य की बात है कि अब तक इसमें जंग नहीं लग रही। इसका कारण जानने के लिए वैज्ञानिक अभी भी जुटे हुए हैं।
भारत में लोहे से संबंधित धातु–कर्म की जानकारी करीब 250 ई .पू .से ही थी। बारहवीं शताब्दी के अरबी विद्वान इदरिसी ने लिखा है कि भारतीय सदा ही लोहे के निर्माण में सर्वोत्कृष्ट रहे और उनके द्वारा स्थापित मानकों की बराबरी कर पाना असंभव सा है।
पश्चिमी देश इस ज्ञान में 1000 से भी अधिक वर्ष पीछे रहे। इंग्लैंड में लोहे की ढलाई का पहला कारखाना सन 1161 में ही खुल सका। वैसे चीनी लोग इसमें भारतीयों से भी २००–3०० साल आगे थे, पर लौह–स्तंभ जैसा चमत्कार वे भी नहीं कर पाए।
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