पूरी दुनिया में ज्यादातर लोगो को अँधेरे से डर लगता हैं। अँधेरे के इस डर को Nyctophobia कहतें हैं। लेकिन एक और डर हैं जो उससें भी डरावना हैं और वह हैं अँधेरा दूर होने का। Optophobia अपनी आँखे खोलने पर लगनेवाला डर हैं। प्रकाश(Light) एक भौतिक वस्तु के लिए सबसे तेज गति से संभव यात्रा करता है। अंधकार मिट जाता हैं जब प्रकाश दिखाई देता हैं या वापस आता हैं। जब प्रकाश अंधेरे की गति को छोड़ देता है तब वह प्रकाश की गति हैं। लेकिन दुनियाभर के कई जिज्ञासु लोगो का सवाल होता हैं की अंधकार की गति क्या है? पूरे ब्रह्माण्ड में ऐसी कोई भी चीज़ नहीं हैं जो प्रकाश की गति से भी तेज हो। हम जानते हैं की प्रकाश की गति 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड हैं तो फिर अंधकार की गति कितनी?
अगर सूरज ने अचानक चमकना बंद कर दिया तो पृथ्वी पर उसका प्रकाश आना बंद हो जायेगा और पृथ्वी पर अंधकार छा जायेगा। लेकिन पृथ्वी तक पहुंचने के लिए सूर्य के प्रकाश को आठ मिनट और 19 सेकंड जितना समय लगता हैं। यानी की सूरज के प्रकाश के छोटे से भी छोटे हिस्से को उसके गायब हो जाने के पहले भी आठ मिनट और 19 सेकंड लगेंगे। इसके बाद प्रकाश के छोटे से भी छोटे हिस्से के जाने के बाद आने वाले अंधकार को भी पृथ्वी तक पहूंचने में आठ मिनट और 19 सेकंड ही लगते हैं। हम पृथ्वी पर सूरज को आठ मिनट और 19 सेकंड तक गायब होता हुआ नहीं देख सकते।
ज्यादातर वैज्ञानिक और भौतिक्षश्त्री मानते हैं की अँधेरा गति कर ही नहीं सकता। वह ना ही हिल सकता हैं और ना ही स्थानांतरण कर सकता हैं। अगर हम प्रकाश को अँधेरे का अभाव समजे और प्रकाश के साथ ही उसका पीछा करे तो वह उतनी ही गति से गायब हो जाएगा जितनी गति से प्रकाश आता हैं। लेकिन इसका अर्थ तो यह हुआ की अंधकार भी प्रकाश की तेजी से ही गति करता हैं। आप अंधकार को प्रकाश के छोटे से भी छोटे हिस्से के आ जाने के बाद वाली चीज के रूप में सोच सकते हैं।
सच्चाई यह हैं की पूरे ब्रह्माण्ड में केवल अँधेरा ही हैं। लेकिन कुछ जगहों पर चीजो या पिंडो से निकलती रोशनी से उस अँधेरे की जगह प्रकाश ले लेता हैं। इन चीजो से निकलनेवाले PHOTONS खुद का प्रकाश उत्पन्न करते हैं और अँधेरे के खालीपन को रोशनी से भर देते हैं और अँधेरा दूर हो जाता हैं। रही बात अँधेरे की गति की तो हम जानते हैं की प्रकाश अँधेरे का अभाव हैं। केवल प्रकाश का आना ही अँधेरे का जाना तय कर सकता हैं। तो जितनी गति से प्रकाश जाएगा उतनी ही गति से अंधकार आएगा। प्रकाश अँधेरे की गति के बारे में भ्रम पैदा करता हैं।
What is the Speed Of Dark-अंधकार की गति क्या हैं
अँधेरे का भौतिक रूप से कोई अस्तित्व नहीं हैं। अँधेरे का सीधा सा मतलब हैं प्रकाश की मौजूदगी ना होना। “प्रकाश की गति क्या है?” इस सवाल के जवाब ने हमारी ब्रह्माण्ड की प्रकृति की समज को ही बदल दिया। जब भी आप प्रकाश को किसी भी तरह से ब्लॉक करते हैं तो आप को अँधेरा मिलता हैं जिसे परछाईं भी कहते हैं। अगर हम गति के सन्दर्भ में बात करे अंधकार वह हैं जो प्रकाश आना बंद हो जाने पर मिलता हैं।अगर सूरज ने अचानक चमकना बंद कर दिया तो पृथ्वी पर उसका प्रकाश आना बंद हो जायेगा और पृथ्वी पर अंधकार छा जायेगा। लेकिन पृथ्वी तक पहुंचने के लिए सूर्य के प्रकाश को आठ मिनट और 19 सेकंड जितना समय लगता हैं। यानी की सूरज के प्रकाश के छोटे से भी छोटे हिस्से को उसके गायब हो जाने के पहले भी आठ मिनट और 19 सेकंड लगेंगे। इसके बाद प्रकाश के छोटे से भी छोटे हिस्से के जाने के बाद आने वाले अंधकार को भी पृथ्वी तक पहूंचने में आठ मिनट और 19 सेकंड ही लगते हैं। हम पृथ्वी पर सूरज को आठ मिनट और 19 सेकंड तक गायब होता हुआ नहीं देख सकते।
ज्यादातर वैज्ञानिक और भौतिक्षश्त्री मानते हैं की अँधेरा गति कर ही नहीं सकता। वह ना ही हिल सकता हैं और ना ही स्थानांतरण कर सकता हैं। अगर हम प्रकाश को अँधेरे का अभाव समजे और प्रकाश के साथ ही उसका पीछा करे तो वह उतनी ही गति से गायब हो जाएगा जितनी गति से प्रकाश आता हैं। लेकिन इसका अर्थ तो यह हुआ की अंधकार भी प्रकाश की तेजी से ही गति करता हैं। आप अंधकार को प्रकाश के छोटे से भी छोटे हिस्से के आ जाने के बाद वाली चीज के रूप में सोच सकते हैं।
सच्चाई यह हैं की पूरे ब्रह्माण्ड में केवल अँधेरा ही हैं। लेकिन कुछ जगहों पर चीजो या पिंडो से निकलती रोशनी से उस अँधेरे की जगह प्रकाश ले लेता हैं। इन चीजो से निकलनेवाले PHOTONS खुद का प्रकाश उत्पन्न करते हैं और अँधेरे के खालीपन को रोशनी से भर देते हैं और अँधेरा दूर हो जाता हैं। रही बात अँधेरे की गति की तो हम जानते हैं की प्रकाश अँधेरे का अभाव हैं। केवल प्रकाश का आना ही अँधेरे का जाना तय कर सकता हैं। तो जितनी गति से प्रकाश जाएगा उतनी ही गति से अंधकार आएगा। प्रकाश अँधेरे की गति के बारे में भ्रम पैदा करता हैं।