सपनें एक अद्भुत घटना है. आप अपने जीवन के 6 साल सपनें देखने में खर्च कर देते हैं. लेकिन ज्यादातर सपनों को हम बहुत ही जल्दी भूल जाते हैं. हर रात को जब हम सो जाते हैं तब हमारा दिमाग अपना काम करना शुरू करता हैं, और कुछ बहुत ही अविश्वसनीय, कुछ डरावनी और अक्सर कुछ Random कल्पनाए और कहानियाँ दिखाता हैं. कई विज्ञानकथाओं या फिल्मों की तरह, क्या हम इन्हें कभी भी रिकॉर्ड कर सकते हैं? क्या हम कभी यह देख सकते हैं की हम सपने में क्या देख रहे थे? हमने पहले भी मेरी आगे की पोस्ट में ब्रेनवेव्स के बारे में पढ़ा था. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा हैं की क्या यह वास्तव में वेव्स हैं? और क्या यह अपने साथ किसी तरह की जानकारी रखती हैं? क्या ब्रेनवेव्स रेडियोवेव्स की तरह होती हैं?क्या हम अपने सपनों को रिकॉर्ड कर सकते हैं? Can We Record Our Dreams
इसका जवाब है……हाँ. ब्रेनवेव्स और रेडियोवेव्स दोनों ही इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से बनी होती हैं. यह वेव्स प्रकाश की गति से सफ़र करती हैं. जब कभी भी आप कुछ सोचते हैं तब हजारों की संख्या में न्युरोंस एक ही फ्रीक्वेंसी पर फायर होते और वेव्स बनाते हैं. यह वेव्स लगभग 10-100 साइकल्स प्रति सेकंड जितनी गति से थरथराती हैं. जब की रेडियोवेव्स लगभग 50,000,000-1,00,00,00,000 साइकल्स प्रति सेकंड जितनी गति से थरथराती हैं. वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक मस्तिष्क की गतिविधियों को मापने के लिए और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से मस्तिष्क इंटरफेस करने के लिए इस घटना का इस्तेमाल किया है. यह हमें ये देखने की अनुमति देता है की मस्तिष्क के कौन से हिस्से विभिन्न गतिविधियों के लिए सक्रिय हैं, और मस्तिष्क का कौन सा हिस्सा सपने के दौरान सक्रीय रहता हैं. यह बड़ी अजीब बात हैं की हमे नींद क्यों आती हैं और उसके दौरान सपनें क्यों आते हैं, इसका जवाब आज भी राज़ बना हुआ हैं.इसके लिए बहुत सारे सिद्धांत मौजूद हैं, वास्तव में हम कभी यह माप या जान नहीं सकते हैं की कोई भी इन्सान किस चीज़ के बारे में सपना देख रहा हैं? जब तक की हम उनको जगाकर पूछ न ले. दुर्भाग्य से अबतक ऐसी कोई भी मशीन मौजूद नहीं हैं जो सपना देखनेवाले के दिमाग के अन्दर देख सके. या फिर मौजूद हैं?
आपको यह जानकार शायद विश्वास नहीं होंगा लेकिन वैज्ञानिकों ने ऐसा करने के लिए एक तकनीक बनाई है. दिमाग को पढने के लिए बनाई गई यह टेक्नोलॉजी फंक्शनल MRI स्कैनर से शुरू होती हैं. इसके अन्दर किसी भी चीज़ की ब्लैक और वाइट रंग के पिक्सेल्स की सामान्य तस्वीर दिखती हैं. इस सोफ्टवेर की मदद से दिमाग के अंदर होनेवाली गतिविधियों की पैटर्न्स तस्वीर के रूप में दिखती हैं.
उदाहरण के लिए, जब किसी व्यक्ति को “T” अक्षर दिखाया जाता हैं तब यह सॉफ्टवेर वोही रिकॉर्ड करेगा जैसा दिमाग उस वक़्त प्रतिक्रिया करेंगा. जब एक इन्सान को ‘neuron’ शब्द दिखाया गया तब सॉफ्टवेर ने दिमाग पढ़कर सामने की तरफ की तस्वीर को प्रोसेस किया. लेकिन इतना काफी नहीं हैं, आगे की खोज के लिए वैज्ञानिकोने अधिक जटिल दृश्यों का इस्तेमाल शुरू किया हैं और इन्सान की नींद में ही सपनों के विषय की निगरानी शुरू कर दी हैं. इस मामले में, जब कोई सोता हुआ इन्सान फंक्शनल MRI से कनेक्टेड होता हैं तब उनको सपनें के बिच में जगा सकते हैं और जल्दी से उनको पूछ सकते हैं की वे किस विषय में सपना देख रहे थे. इन्टरनेट पर ऐसी कई तस्वीरे मौजूद हैं जो ऐसे दिमाग द्वारा मशीन से प्रोसेस की गयी हैं. इससे भी ज्यादा चौका देनेवाली बात तो यह हैं वैज्ञानिक अब इस तरह की दिमाग में चलनेवाली प्रतिक्रियाओं की विडियो फुटेज भी बना रहे हैं
इसका जवाब है……हाँ. ब्रेनवेव्स और रेडियोवेव्स दोनों ही इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से बनी होती हैं. यह वेव्स प्रकाश की गति से सफ़र करती हैं. जब कभी भी आप कुछ सोचते हैं तब हजारों की संख्या में न्युरोंस एक ही फ्रीक्वेंसी पर फायर होते और वेव्स बनाते हैं. यह वेव्स लगभग 10-100 साइकल्स प्रति सेकंड जितनी गति से थरथराती हैं. जब की रेडियोवेव्स लगभग 50,000,000-1,00,00,00,000 साइकल्स प्रति सेकंड जितनी गति से थरथराती हैं. वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक मस्तिष्क की गतिविधियों को मापने के लिए और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से मस्तिष्क इंटरफेस करने के लिए इस घटना का इस्तेमाल किया है. यह हमें ये देखने की अनुमति देता है की मस्तिष्क के कौन से हिस्से विभिन्न गतिविधियों के लिए सक्रिय हैं, और मस्तिष्क का कौन सा हिस्सा सपने के दौरान सक्रीय रहता हैं. यह बड़ी अजीब बात हैं की हमे नींद क्यों आती हैं और उसके दौरान सपनें क्यों आते हैं, इसका जवाब आज भी राज़ बना हुआ हैं.इसके लिए बहुत सारे सिद्धांत मौजूद हैं, वास्तव में हम कभी यह माप या जान नहीं सकते हैं की कोई भी इन्सान किस चीज़ के बारे में सपना देख रहा हैं? जब तक की हम उनको जगाकर पूछ न ले. दुर्भाग्य से अबतक ऐसी कोई भी मशीन मौजूद नहीं हैं जो सपना देखनेवाले के दिमाग के अन्दर देख सके. या फिर मौजूद हैं?
आपको यह जानकार शायद विश्वास नहीं होंगा लेकिन वैज्ञानिकों ने ऐसा करने के लिए एक तकनीक बनाई है. दिमाग को पढने के लिए बनाई गई यह टेक्नोलॉजी फंक्शनल MRI स्कैनर से शुरू होती हैं. इसके अन्दर किसी भी चीज़ की ब्लैक और वाइट रंग के पिक्सेल्स की सामान्य तस्वीर दिखती हैं. इस सोफ्टवेर की मदद से दिमाग के अंदर होनेवाली गतिविधियों की पैटर्न्स तस्वीर के रूप में दिखती हैं.
उदाहरण के लिए, जब किसी व्यक्ति को “T” अक्षर दिखाया जाता हैं तब यह सॉफ्टवेर वोही रिकॉर्ड करेगा जैसा दिमाग उस वक़्त प्रतिक्रिया करेंगा. जब एक इन्सान को ‘neuron’ शब्द दिखाया गया तब सॉफ्टवेर ने दिमाग पढ़कर सामने की तरफ की तस्वीर को प्रोसेस किया. लेकिन इतना काफी नहीं हैं, आगे की खोज के लिए वैज्ञानिकोने अधिक जटिल दृश्यों का इस्तेमाल शुरू किया हैं और इन्सान की नींद में ही सपनों के विषय की निगरानी शुरू कर दी हैं. इस मामले में, जब कोई सोता हुआ इन्सान फंक्शनल MRI से कनेक्टेड होता हैं तब उनको सपनें के बिच में जगा सकते हैं और जल्दी से उनको पूछ सकते हैं की वे किस विषय में सपना देख रहे थे. इन्टरनेट पर ऐसी कई तस्वीरे मौजूद हैं जो ऐसे दिमाग द्वारा मशीन से प्रोसेस की गयी हैं. इससे भी ज्यादा चौका देनेवाली बात तो यह हैं वैज्ञानिक अब इस तरह की दिमाग में चलनेवाली प्रतिक्रियाओं की विडियो फुटेज भी बना रहे हैं