पृथ्वी अपनी धुरी पर घुमती हैं (Earth Rotation) यह तो हम सब जानते हैं. उसके घुमने से ही रात-दिन संभव होते हैं और हमारा हर रोज का जीवन चक्र चलता हैं. पृथ्वी के साथ साथ हम भी घूमते हैं. लेकिन क्या होगा अगर पृथ्वी अचानक ही घूमना बंद कर दे?What Would Happen If The Earth Stopped Spinning? पृथ्वी का घूमना बंद होने से सबसे पहले तो आपका वजन बढ़ जाएगा. हमारे ग्रह का घुमना बहुत ही जरुरी हैं क्योंकि वह आपको अपने जीवन को जीने के लिए समय दे रही हैं. पृथ्वी की सतह की भूमध्य रेखा (equator) पर सबकुछ प्रति सेकंड 465 मीटर की तेजी से घूमता हैं. लेकिन जैसे जैसे आप ध्रुव प्रदेशों की तरफ जाएगे तो आपको equator के जितना नहीं घूमना पड़ेगा. लेकिन निश्चित रूप से अगर आप हवा में सीधा ऊपर कूदते हैं तो पृथ्वी अपनी जगह से आगे नहीं खिसक जाएगी क्योंकि तब आप भी उसके साथ घुमना जारी रखेगे. इसलिए अगर पृथ्वी घुमना बंद कर दे तो निश्चित रूप से कुछ भी अच्छा नहीं होगा.
यह स्थिति बहुत ही भयानक होगी. सभी चीजें जो पृथ्वी नहीं हैं (जो पृथ्वी से मजबूती से जुडी नहीं हैं) और जो ध्रुव प्रदेशों पर सुरक्षित नहीं हैं वे सब पृथ्वी के स्थिर हो जाने के बाद भी उसी गति से अपना मोशन जारी रखेंगी. वह सभी चीजें एक हजार मिल प्रति घंटे की रफ़्तार से हवा में पश्चिम दिशा की तरफ उड़ जाएगी. तब आपका शरीर अचानक ही एक 9.5 इंच की कैलिबर गोली बन जाएगा. जिसकी गति सुपर सोनिक गति से भी ज्यादा हैं. जो लोग विमान में होगें उनको पृथ्वी का मलबा तो नहीं लगेगा लेकिन वे अचानक से आते हवा के तेज जोंको से नहीं बच पाएगे.
जो लोग अंतरिक्ष में आंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में होंगे उनके लिए बचने की संभावनाए हो सकती हैं लेकिन पृथ्वी पर वापस आने के बाद उनके स्वागत के लिए कोई नहीं बचा होगा. पृथ्वी पर हर जगह तबाही मच जाएगी. चारो तरफ मलबा ही मलबा होगा. जो लोग ध्रुव प्रदेशों में होगे वह शायद बच जाएगे. लेकिन ज्यादा देर तक नहीं. हवा के जोंके इतने तेज होगे जितने परमाणु विस्फोट से पैदा होते हैं. दुनियाभर में एक बड़ा ही विशाल तूफ़ान पैदा होगा. यह तूफ़ान किसी भी मजबूत चीज़ को तबाह कर देगा.
सूरज एक जगह पर स्थिर दिखेगा. एक दिन 24 घंटे की जगह 365 दिन का हो जाएगा. घुमना बंद हो जाने के कारण पृथ्वी का सुरक्षात्मक चुंबकीय क्षेत्र गायब हो जाएगा और पृथ्वी पर घातक मात्रा में सूरज का रेडिएशन हमला कर देगा. पृथ्वी के महासागरों में कई किलोमीटर जितनी ऊँची सुनामी लहरे पैदा होगी और सारे सूखे इलाको को तबाह कर देगी. पृथ्वी का वातावरण धीरे धीरे स्थिर हो जाएगा और कोई किसी भी तरह का मौसम नहीं रहेगा.
अगर पृथ्वी बहुत ही तेजी से घुमती हैं तो हम उस गति को महसूस क्यों नहीं कर पाते? पृथ्वी के तेजी से घुमने से हमे चक्कर क्यों नहीं आते हैं? खैर, हमारे लिए यह एक भाग्यशाली तथ्य हैं की पृथ्वी के वेग में परिवर्तन बहुत ही क्रमिक है. यह कुछ इस तरह हैं की, हमे एक कार चलाते वक़्त 6,000 मिल के एक लेफ्ट टर्न को लेते समय 6 घंटे लगेंगे. इसलिए हमारे इस घुमते ग्रह पर आपकी गति हमेशां बदलती रहती हैं. अगर पृथ्वी अपनी रेग्युलर गति से 17 गुना ज्यादा तेजी से घुमने लगती हैं तो आप वजन रहित हो जाएगे.
यह सब तब होगा जब पृथ्वी घुमना बंद कर दे. पर ऐसा होने की संभावना ना के बराबर हैं. लेकिन पृथ्वी की घुमने की गति धीमी जरुर हो रही हैं. लेकिन यह गति बहुत ही ज्यादा धीमी हैं. 140 करोड़ वर्षों के बाद पृथ्वी पर एक दिन में 24 घंटे नहीं होगे बल्कि वे बढ़ कर 25 हो जाएगे
यह स्थिति बहुत ही भयानक होगी. सभी चीजें जो पृथ्वी नहीं हैं (जो पृथ्वी से मजबूती से जुडी नहीं हैं) और जो ध्रुव प्रदेशों पर सुरक्षित नहीं हैं वे सब पृथ्वी के स्थिर हो जाने के बाद भी उसी गति से अपना मोशन जारी रखेंगी. वह सभी चीजें एक हजार मिल प्रति घंटे की रफ़्तार से हवा में पश्चिम दिशा की तरफ उड़ जाएगी. तब आपका शरीर अचानक ही एक 9.5 इंच की कैलिबर गोली बन जाएगा. जिसकी गति सुपर सोनिक गति से भी ज्यादा हैं. जो लोग विमान में होगें उनको पृथ्वी का मलबा तो नहीं लगेगा लेकिन वे अचानक से आते हवा के तेज जोंको से नहीं बच पाएगे.
जो लोग अंतरिक्ष में आंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में होंगे उनके लिए बचने की संभावनाए हो सकती हैं लेकिन पृथ्वी पर वापस आने के बाद उनके स्वागत के लिए कोई नहीं बचा होगा. पृथ्वी पर हर जगह तबाही मच जाएगी. चारो तरफ मलबा ही मलबा होगा. जो लोग ध्रुव प्रदेशों में होगे वह शायद बच जाएगे. लेकिन ज्यादा देर तक नहीं. हवा के जोंके इतने तेज होगे जितने परमाणु विस्फोट से पैदा होते हैं. दुनियाभर में एक बड़ा ही विशाल तूफ़ान पैदा होगा. यह तूफ़ान किसी भी मजबूत चीज़ को तबाह कर देगा.
सूरज एक जगह पर स्थिर दिखेगा. एक दिन 24 घंटे की जगह 365 दिन का हो जाएगा. घुमना बंद हो जाने के कारण पृथ्वी का सुरक्षात्मक चुंबकीय क्षेत्र गायब हो जाएगा और पृथ्वी पर घातक मात्रा में सूरज का रेडिएशन हमला कर देगा. पृथ्वी के महासागरों में कई किलोमीटर जितनी ऊँची सुनामी लहरे पैदा होगी और सारे सूखे इलाको को तबाह कर देगी. पृथ्वी का वातावरण धीरे धीरे स्थिर हो जाएगा और कोई किसी भी तरह का मौसम नहीं रहेगा.
अगर पृथ्वी बहुत ही तेजी से घुमती हैं तो हम उस गति को महसूस क्यों नहीं कर पाते? पृथ्वी के तेजी से घुमने से हमे चक्कर क्यों नहीं आते हैं? खैर, हमारे लिए यह एक भाग्यशाली तथ्य हैं की पृथ्वी के वेग में परिवर्तन बहुत ही क्रमिक है. यह कुछ इस तरह हैं की, हमे एक कार चलाते वक़्त 6,000 मिल के एक लेफ्ट टर्न को लेते समय 6 घंटे लगेंगे. इसलिए हमारे इस घुमते ग्रह पर आपकी गति हमेशां बदलती रहती हैं. अगर पृथ्वी अपनी रेग्युलर गति से 17 गुना ज्यादा तेजी से घुमने लगती हैं तो आप वजन रहित हो जाएगे.
यह सब तब होगा जब पृथ्वी घुमना बंद कर दे. पर ऐसा होने की संभावना ना के बराबर हैं. लेकिन पृथ्वी की घुमने की गति धीमी जरुर हो रही हैं. लेकिन यह गति बहुत ही ज्यादा धीमी हैं. 140 करोड़ वर्षों के बाद पृथ्वी पर एक दिन में 24 घंटे नहीं होगे बल्कि वे बढ़ कर 25 हो जाएगे