Amazing Science Facts In Hindi
हम सभी जानते हैं की ब्रह्माण्ड में और पूरी दुनिया में मिलनेवाले सारे तत्व सितारों की गर्मी से बने हैं. यह विशाल सितारे अपने अंत के नजदीक होते हैं तब उनमें सुपरनोवा के रूप में विस्फोट होता हैं. विस्फोट के साथ वे उर्जा के स्वरुप में जीवन के लिए जरुरी सामग्री ब्रह्माण्ड में फैलाते हैं. ब्रह्माण्ड में फैले हुए इसके उर्जा और तत्व गुरुत्वाकर्षण से एकरूप होकर आकाशगंगाए, तारे , ग्रह और मनुष्य को बनाने के लिए जिम्मेदार हैं. आपके शरीर का हर एक परमाणु ब्रह्माण्ड का हिस्सा हैं. तो जब आप अगली बार आसमान में सितारों की और देखे तो इस तथ्य को एक बार फिर से याद का लीजिएगा. आप और यह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड एक ही चीज़ हैं.2.आप का शरीर 99% खाली जगह हैं.
हम आज तक जिन तत्वों को जानते हैं वे सब परमाणुओं से बने हैं और यह सब परमाणु हमारे शरीर को बनाते हैं. हर परमाणु का एक प्रतिशत हिस्सा प्रोटोन, न्युट्रोन और इलेक्ट्रान से बना हैं. एनी 99% जगह खाली हैं. पृथ्वी पर जितने भी मनुष्य हैं उनके शरीर के तमाम परमाणुओं के बिच की खाली जगह निकल दे तो उनकी साइज़ एक चीनी के दाने जितनी हो जायेगी. इसका मतलब तो यह हुआ की सबकुछ भ्रम हैं. हमारा शरीर जो हम महसूस करते हैं वह भी भ्रम हैं.3.आपका दिमाग एक ब्रह्माण्ड हैं.
समग्र ब्रह्माण्ड में 100 अरब आकाशगंगाए हैं और प्रत्येक आकाशगंगा में 100 अरब तारे हैं. आप एक बार इस विशाल संख्या के बारे में सोचकर देखिए. इसी तरह कुदरत ने इन्सान को एक बहुत ही सक्षम मस्तिष्क के साथ बनाया हैं. इंसानी मष्तिष्क में भी 100 अरब न्युरोंस होते हैं. जिस तरह एक आकाशगंगा में 100 अरब तारे होते हैं उसी तरह एक इंसानी मस्तिष्क में 100 अरब न्युरोंस होते हैं. यहाँ पर कोई भी एक न्युरोंन दूसरे हजारो न्युरोंस के साथ कनेक्शन बना देता हैं और electrical impulse की मदद से सन्देश को भेजते और ग्रहण करते हैं. संचार के दौरान इसकी हर कोशिका चमक उठती हैं जैसे रात में आसमान चमक उठता हैं. हो सकता हैं हमारा ब्रह्माण्ड भी किसी अति विशाल जीव का एक मष्तिष्क भर हो.4.पृथ्वी पर अब तक रह चुकी सारी प्रजातिओं में से 99% विलुप्त हो चुकी हैं.
यह अविश्वसनीय तथ्य भौतिक अस्तित्व की क्षणभंगुर प्रकृति को दर्शाता हैं. हम इंसानों से पहले कई तरह की प्रजातियाँ यहाँ पर रह चुकी हैं. हम इन्सान तो कुछ हजारो सालों से ही पृथ्वी पर रह रहे हैं जो की बहुत छोटी अवधि हैं. वास्तव में हमारे पहले की प्रजातियाँ अगर विलुप्त न हुई होती तो आज हम इंसानों का वजूद भी न होता. पृथ्वी पर यह प्रक्रिया तो पहले से चलती आई हैं और चलती रहेगी. हम इंसानों की प्रजाति भी भविष्य में एक दिन विलुप्त हो जाएँगी.5.कोई भी निरीक्षक (देखनेवाला) वास्तविकता को बदल सकता हैं (An observer can alter reality)
क्वांटम मैकेनिक्स ने विज्ञान की दुनिया में क्रांति ला दी हैं और हमारे सामान्य ज्ञान की धारणाओं को चुनौती दी हैं. प्रसिध्ध double-slit प्रयोग की मदद से पता चला की छोटे कणों के बुनियादी गुण बदल जाते हैं जब किसी इंसानी दिमाग या अन्य माध्यम से उनका निरिक्षण हो रहा हो. जब दो स्लिट्स वाली स्क्रीन पर इलेक्ट्रॉन्स को फायर किया गया तब वैज्ञानिकों को (विवर्तन पैटर्न) diffraction pattern मिला, यह सिर्फ तब मुमकिन हो सकता हैं जब इलेक्ट्रान दोनों ही स्लिट्स से एक साथ गुजर रहे हो. इस व्यव्हार से पता चला की इलेक्ट्रॉन्स ठोंस तत्व के बदले तरंगो या लहरों के स्वरूप में बर्ताव कर रहे थे. इससे साबित होता हैं की छोटे से छोटा कण भी अपनी स्थिति बदल सकता हैं अगर उसे देखा जा रहा हो या उसका किसी भी तरह से निरिक्षण किया जा रहा हो.“जब में रात के आसमान को देखता हूँ तब मुझे महसूस होता हैं की हम सब इस ब्रह्माण्ड के अंग हैं, हम सब इस ब्रह्माण्ड में हैं. पर इन दोनों तथ्यों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हैं की ब्रह्माण्ड हमारे अन्दर हैं. कई लोग खुद को बहुत छोटा समजते हैं, क्योंकि वे छोटे हैं और ब्रह्माण्ड बड़ा हैं, लेकिन में खुद को बड़ा महसूस करता हूँ क्योंकि में उन दूर के तारों में से आया हूँ.”
– Neil deGrasse Tyson