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शुक्रवार, 16 सितंबर 2016

जीवन क्या होता है गुप्त राज --What is the secret of life-

 Irfan point     आध्यात्मिक-विज्ञानं   

स्व जागरूकता(Self-awareness) का मतलब होता हैं किसी एक को उसकी भावनाए, विशेषताए और उसके अस्तित्व के बारे में पता होना और इन सब का मतलब समजने के लिए उसका सक्षम होना. चेतना को सीधी भाषा में समजे तो उसका मतलब होता हैं किसी भी पैटर्न्स को समज लेना और उसे अपने साथ होती घटनाओं से जोड़ना. चेतना सारी सृष्टि में प्रेरणादायक और सृष्टि को चलनेवाली एक क्षमता है. चेतना के होने के लिए उसके कारण का होना जरुरी हैं. हमारी चेतना हमारे लिए इस दुनिया को अवलोकन करने योग्य प्रभाव पैदा करती हैं.-चेतना क्या हैं? What Is Consciousness? In Hindi
जीवन क्या होता है गुप्त राज --What is the secret of life-

जीवत होने की क्या पहचान है --

चेतना का सीधा संबंध दिमाग के साथ होता हैं. तो दिमाग में आखिर चेतना आती कहाँ से हैं? इस सवाल का जवाब वैज्ञानिक आज भी ढूँढने में असमर्थ है. ज्यादातर वैज्ञानिको का मानना हैं की चेतना दिमाग के अन्दर होती केमिकल प्रोसेसो का नतीजा होती हैं. तो फिर क्या छोटे ताजे जन्मे बच्चे चेतन होते हैं? इसका जवाब हैं हा. क्योंकि छोटे बच्चे भी घटनाओं पर प्रतिक्रियाएं करते हैं. जैसे की भूख लगने पर रोना. चेतना समय के साथ साथ शरीर के विकास के साथ बढती हैं. जानवरों में भी चेतना होती हैं लेकिन हम मनुष्यों के अन्दर की चेतना की तरह नहीं. हम नहीं जानते की जानवर सोच सकते हैं या नहीं. हम इन्सान किसी भी चीज़ या घटना के सामने सोचकर उसके सामने सकारात्मक प्रतिक्रिया करते हैं. सबसे बड़ी बात यह हैं की हम इन्सान चीजों को याद रख सकते हैं और उन यादो का उपयोग आगे होनेवाली घटनाओं से निपटने के लिए करते हैं.

कोई इन्सान अभी जीवित हैं तो क्यों है -

 इसलिए की अपने आप को चेतन महसूस कर रहा हैं. क्या होगा अगर उसकी मृत्यु हो जाये? उसकी मृत्यु के बाद उसकी चेतना का क्या होगा? क्या उसकी मौत के बाद उसकी चेतना अस्तित्व में रहती हैं या उसके शरीर के साथ ख़तम हो जाती हैं? दुनियाभर के ज्यादातर लोगो के लिए सबसे बड़ा सवाल यहीं होता हैं. लेकिन इस सवाल का जवाब पाना नामुमकिन हैं. क्योंकि मरे हुए इन्सान कभी वापस नहीं आ सकते. लेकिन इस सवाल का जवाब इतना आसान भी नहीं हैं. क्योंकि हम जानते हैं हैं की हमारी यादे और विचार एक तरह की उर्जा ही होते हैं. ब्रह्माण्ड में हर एक चीज़ उर्जा हैं और हम जानते हैं की उर्जा को ना बनाया जा सकता हैं और ना ही नष्ट किया जा सकता हैं (Energy Can Neither Be Created Nor Destroyed).
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