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शुक्रवार, 16 सितंबर 2016

Gravity – गुरुत्वाकर्षण क्या है,कैसे काम करता है - what is Gravity , how it works

 Irfan point     भौतिक विज्ञान   

ज्यादातर हम सभी के लिए Gurutvakarshan का मतलब हैं “किसी भी चीज़ का गिरना”. लेकिन यह उससे भी कही ज्यादा जटिल हैं. ब्रह्माण्ड में यह ज्यादातर जगह पर मौजूद होता हैं लेकिन हम इसे देख नहीं पाते हैं, केवल महसूस कर पाते हैं. हमारा ब्रह्माण्ड आज जैसा भी हैं गुरुत्वाकर्षण की वजह से ही हैं. लेकिन यह हैं क्या?

Gravity – गुरुत्वाकर्षण क्या है,कैसे काम करता है - what is Gravity , how it works

  What is Gravity? चलिए जानते हैं Gravity – गुरुत्वाकर्षण बारे में in Hindi.

गुरुत्वाकर्षण ब्रह्माण्ड में मौजूद चार मौलिक बलों में से एक बल हैं है. यह space में मौजूद मास(Mass) वाली सभी चीजों के बिच एक लंबी दूरी का आकर्षण बल है. इसकी वजह से ही चीजों को वजन प्राप्त होता हैं. पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण निरंतर प्रति सेकंड 9.8 वर्ग मीटर (9.8 m/s2) जितना होता है. यह हमें पृथ्वी के बाहर गिरने से बचाता हैं और पृथ्वी को अपनी सूर्य की आसपास की कक्षा में बनाए रखता हैं. गुरुत्वाकर्षण की वजह से ही साढ़े चार अरब साल पहले हमारी पृथ्वी और हमारे सूरज की उत्पति हुई थी.
https://www.blogger.com/blogger.g?blogID=5331686091211901951#editor/target=post;postID=7856903583556002735

Gravity – गुरुत्वाकर्षण

यह बड़ी आश्चर्यजनक बात हैं की ब्रह्माण्ड में हर भारी वस्तु दूसरी चीजों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इसका मतलब आपका घर, हमारी पृथ्वी, 25 लाख प्रकाश वर्ष दूर एंड्रोमेडा आकाशगंगा में स्थित ब्लैकहोल, यह सभी आपसे गुरुत्वीय बल से आकर्षित हैं, और आप उनसे.

17 वीं सदी में, आइजैक न्यूटन ने पता लगाया कि दो वस्तुओं के बीच की दूरी के वर्ग जीतने अंतर पर गुरुत्वाकर्षण बल की ताकत घटती हैं. तो अगर आप किसी भी चीज़ से दोगुना अंतर पर होंगे तब गुरुत्वाकर्षण एक चौथाई जितना ही मजबूत होंगा. उन्होंने यह भी पता लगाया की गुरुत्वाकर्षण की शक्ति वस्तु के द्रव्यमान के अनुपात में होती हैं. मतलब की पदार्थ जितना बड़ा होंगा उसका गुरुत्वाकर्षण बल उतना ही मजबूत होंगा.

gravityहम सब पृथ्वी का खिंचाव महसूस कर सकते हैं लेकिन चन्द्रमा के खिंचाव को महसूस नहीं कर पाते हैं, क्योंकि चाँद छोटा हैं और हम से बहुत ही दूर हैं. लेकिन उसका गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी पर समंदर में ज्वार पैदा करने के लिए सक्षम है. जैसे की मैंने पहले कहा गुरुत्वाकर्षण मास(Mass) वाली सभी चीजों के बिच एक लंबी दूरी का आकर्षण बल है – मैंने जूठ कहा था. मेरा मतलब था उर्जा वाली चीजे. क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बड़ी और मास युक्त वस्तुओं के अलावा प्रकाश और अन्य बिना मास वाले (लेकिन ऊर्जावान) कणों को भी आकर्षित करता है. प्रकाश के फोटोन जब सूरज के करीब से गुजरते हैं तब थोड़े मुड़ जाते हैं और जब किसी ब्लैकहोल के करीब से गुजरते हैं तब उसमे पूरी तरह से फ़स जाते हैं.

हम जानते हैं की गुरुत्वाकर्षण को देख नहीं सकते लेकिन उसे महसूस कर सकते हैं. तो यह आखिर चीज़ क्या हैं. यह किस चीज़ से बना हैं? वैज्ञानिको का मानना मानना हैं की गुरुत्वाकर्षण बल ग्रेवीटोन(Graviton) नाम के क्वांटम कणों से बना हैं. ब्रह्माण्ड में जहा कहीं भी गुरुत्वाकर्षण बल हैं वहाँ पर ग्रेवीटोन भी मौजूद है

चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी पर मौजूद गुरुत्वाकर्षण बल से 16 प्रतिशत जितना है, और मंगल ग्रह का पृथ्वी से 38 प्रतिशत जितना है. जबकि सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह गुरु का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से 2.5 गुना हैं.

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